यहां फेसबुक पर होने वाली उन बहसों के नियम दिए गए हैं जिनका सामना मुझे उन लोगों के साथ चर्चा करते समय करना पड़ता है जो मेरी पुस्तक, द अवेटेड लेटर्स की आलोचना करते हैं।

2 मार्च, 2020
यहां फेसबुक पर होने वाली उन बहसों के नियम दिए गए हैं जिनका सामना मुझे उन लोगों के साथ चर्चा करते समय करना पड़ता है जो मेरी पुस्तक, द अवेटेड लेटर्स की आलोचना करते हैं।

मैं जिस व्यक्ति से बात कर रहा हूं वह आमतौर पर गुमनाम है और फेसबुक पर उसका छद्म नाम है।
वह अक्सर अपना प्रोफ़ाइल चित्र नहीं लगाते।
संभवतः उसने मेरी पुस्तक से संकलित अंशों को नहीं पढ़ा है और वह मेरी पुस्तक बिल्कुल भी नहीं पढ़ना चाहता, क्योंकि वह आमतौर पर अपना विचार बदलने के लिए तैयार नहीं होता।
वह मेरे साथ अपनी चर्चा सम्मान के साथ शुरू करते हैं, ताकि वह मुझे भी चर्चा में शामिल कर सकें।
वह मुझसे कहता है कि मैं अपनी पुस्तक में जो कुछ है उसका प्रयोग न करूं तथा मुझसे कहता है कि मैं अपनी पुस्तक में जो कुछ है उसका प्रयोग किए बिना बिंदुवार चर्चा करूं, मानो वह चाहता है कि मैं अपनी पुस्तक में जो कुछ है उसके अलावा अन्य साक्ष्य दूं, जिसका उसने कोई जवाब नहीं दिया।
फेसबुक बहस के नियमों के अनुसार, जो व्यक्ति मेरे साथ बहस करता है, वह मेरे द्वारा सभी तर्कों और सबूतों को प्रस्तुत करने के बाद अपनी राय नहीं बदल सकता है, इसलिए वह या तो मेरा मजाक उड़ाता है, मेरा अपमान करता है, मुझ पर ईशनिंदा या पागलपन आदि का आरोप लगाता है, या मेरे कुछ टिप्पणियों को हटा देता है, बातचीत को हटा देता है, या मेरे समय और प्रयास को समाप्त करने के बाद पूरी पोस्ट को हटा देता है।
ये फेसबुक पर होने वाली बहसों के नियम हैं जिनसे मैं हर दिन पीड़ित रहता हूं।
फेसबुक पर बहस के लिए कुछ नियम हैं जिनका पालन किया जाना चाहिए। 
hi_INHI